१२ वी पास लिपीक गणेश शिंपी बन बैठा है सहाय्यक आयुक्त ? खुद को समझता है महापालिका का कमिश्नर?


उल्हासनगर : गणेश शिंपी जो महापालिका में एक जमाने में लिपीक का काम किया करता था और लोगों की अवैध निर्माण के खिलाफ जो अर्जी आती थी जो मनपा आयुक्त के नामपर थी वो अर्जीया आयुक्त को ना देकर अवैध निर्माणकर्ताओं से हजारो लाखों रूपये ऐठता था. इस बारे में जब क्लिन टाइम्स के संपादक शमीम को पता चला तो उन्होने गणेश शिंपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था तब गणेश शिंपी ने शमीम के खिलाफ पुलिस स्टेशन में झुठी शिकायत कर झूठे मामले में फंसाया था. इसके अलावा भी कई पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाने की कोशीश की है और मारपीट भी की है. रिश्वतखोरी में रंगेहाथ पकडा भी जा चुका है. सूत्रों से पता चला है की रिश्वतखोरी से करोडो की मालमत्ता जमा कर अलग अलग अलग नामों से चल व अचल संपत्ती बना ली है जिसमें कई गाडीया फ्लैट गहने जमा किए हुए है. सुत्रों से पता चला है की गणेश शिंपी जो एक बारवी पास है और लिपीक की पदपर कार्यरत था और जो रिश्वतखोरी में भी पकडा जा चुका है ऐसे व्यक्ती को आयुक्त ने सहा-यक आयुक्त का पदभार देकर सभी प्रभागों के अतिक्रमण निष्कासन विभाग की जिम्मेदारी कैसे दी? यह सवाल जनता कर रही है. सूत्रों से पता चला है की अवैध निर्माणपर कारवाई न करने के बदले लाखों रूपये की लेनदेन होती है वही गरीब फेरीवालों की हाथगाडीयोंपर जेसीबी चलाता है ऐसे अधिकारी को तुरंत बरखास्त कर देना चाहीए ऐसी मांग नागरीक कर रहे है.