लापता नगररचनाकार संजीव करपे के फर्जी हस्ताक्षर से किया गया प्लान पास

उल्हासनगर महानगरपालिका भ्रष्टाचार के मामले में भारत देश में प्रथम स्थानपर है. आजकल सोशल मिडीयापर एक इमारत का प्लान तीन साल से अधिक समय से लापता पुर्व रचनाकार संजीव करपे के हस्ताक्षर से पास हुआ ऐसे दिखाई दे रहा है. इस प्लान का आवेदन तेजूमल एम. वाधवानी व राजकुमार एस. कुकरेजा ने ६ जून २०१६ को किया था. जिसका पता ब्लाक क्र. सी ८०७ रूम नं. १६१४ सीटीएस क्र. २५९२५ उल्हासनगर कैप नं. ५ इस प्रकार है. यह प्लान अब ९ सितंबर २०१९ को पास किया गया है. तत्कालिन नगररचनाकार संजीव करपे को प्लान में कुछ त्रुटीया नजर आयी इसलिए उन्होने यह प्लान पास नही किया था. उसके बाद संजीव करपेअचानक लापता हो गए और आजतक नही मिले. इसका फायदा उठाकर कुछ भ्रष्ट और रसुखदार लोगों ने वर्तमान नगररचनाकार मिलिंद सोनावणे और उनके सहयोगीयों से सांठगांठ कर प्लान |



संजीव करपे के फर्जी हस्ताक्षर द्वारा ९ सितंबर २०१९ को पास करवा लिया. आश्चर्य की बात यह है की यह मालमत्ता २०१८ स्क्वेअर यार्ड है याने १८२.४ स्क्वेअर मिटर और प्लान २१७.४ स्क्वे अर मिटर क्षेत्रफल का पास किया गया है. दुसरी आश्चर्यजनक बात यह है की इसी मालमत्ता का प्लान तत्कालिन विवादास्पद नगररचनाकार आप्पा गुडगुडे ने भी पास किया था और यह प्लान रदद किए गए ११० प्लान में से एक है जिसके तत्कालिन मालिकों पर एमआरटीपी के तहत मामला दर्ज हुआ था जो आज भी अदालत में विचाराधिन है. यह प्लान नए शहर विकास आराखडे में १२० फुट रिंगरोड द्वारा बाधित होने के बावजुद नगररचनाकार मिलिंद सोनावणे ने इसे देखा नहीं और प्लान पास कर दिया. यहा एक और फर्जीवाडा दिखाई दे रहा हैआज के सरकारी दर रेडीरेकनर से यह प्लान पास किया जाता तो मालिकों को और पैसे भरने पडते इसलिए प्लान २०१६ के हिसाब से पास कर सरकारी खजाने को भी लाखों का चुना लगाया गया है. पुछे जानेपर आयुक्त कहते है हस्ताक्षर असली है और मै बार बार जवाब नहीं दूंगा. मैने टीव्ही प्रेस को एकबार जवाब दिया है. आयुक्त डरते है बार बार जवाब देने में कही विरोधाभास न हो जाए और नगररचनाकार मिलिंद सोनावणे को हस्ताक्षर तो फर्जी लगते है परंतू वो सारा ठिकरा उपायुक्त देहरेकर पर फोडकर अपने आप को बचाते नजर आते है. इस प्रकार उल्हासनगर महापालिका में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. अगले अंक में पढीए बिना शर्तों को पूरा किए ही दिया गया कोर्णाक रेसीडेन्सी को दिया गया पुर्णता प्रमाणपत्र. इसके साथ ही रोड के लिए आरक्षित जमीन पर किया गया प्लान पास.